शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

Sonu Sood : दि रियल हीरो...

 


- Corona Epidemic के दौरान लोगों के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं Sonu Sood

- एक दिन में 41,000 से ज्यादा लोगों ने मांगी सोनू सूद से मदद

- बिना जाति-धर्म देखे सबकी कर रहे बेझिझक मदद, विदेशों से भी आ रहे हेल्प मैसेज


'खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बन्दे से खुद पूछे कि बता तेरी रज़ा क्या है'... उर्दू शायर अल्लामा इकबाल की पंक्तियां Sonu Sood पर बिल्कुल फिट बैठती हैं। Corona Epidemic के दौरान सोनू सूद लोगों के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं। इस दौरान जिस किसी ने उनसे मदद मांगी, जाति-धर्म देखे बिना सोनू ने बेझिझक सबकी मदद की। बहन के ऑपरेशन के लिए पैसे नहीं हैं? बाढ़ सब बहा ले गई है? कहीं फंसे हैं? या कोई और दिक्कत है? बिना किसी स्वार्थ के वह सबकी मदद कर रहे हैं। लॉकडाउन में फंसे लोगों को जब कोई उम्मीद नहीं दिखी तो सोनू सूद ने उनकी मदद की। जररूत के मुताबिक, उन्हें बसों-गाड़ियों और हवाई जहाज से भेजा। भूखों को खाना खिलाया। बीमारों के इलाज में मदद की। और वह सबकी मदद कर रहे हैं। लोगों को भरोसा है सरकार और रिश्तेदार भले न सुनें, लेकिन सोनू सूद मदद जरूर करेंगे।

हाल ही में सोनू सूद ने एक आदिवासी बच्ची की मदद करने का एलान किया है। एक आदिवासी लड़की का वीडियो शेयर करते हुए दरअसल, ट्विटर पर यूजर ने लिखा था कि बाढ़ में अंजली का घर लगभग जमींदोज हो गया। नेस्तानाबूद हुए घर को देखकर तो नहीं मगर बांस की बनी टोकरी में रखी हुईं अपनी भीगी हुई पुस्तकों को देख इस बच्ची के आंखों में आंसू आ गए। किसी आदिवासी बच्ची में ऐसा पुस्तक प्रेम मैंने पहली बार देखा। सोनू सूद से मासूम की आखों में आंसू नहीं देखे गये। उन्होंने रिप्लाई करते हुए लिखा- 'आंसू पोंछ ले बहन, किताबें भी नई होंगी, घर भी नया होगा।' सिर्फ यह बच्ची ही नहीं सोनू सूद अब तक लाखों की मदद कर चुके हैं।

ट्विटर, फेसबुक, हेल्पलाइन, ई-मेल, इंस्टाग्राम पर तमाम लोग सोनू सूद मदद मांग रहे हैं। वह हर किसी की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मदद मांगने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि एक दिन में 41 हजार से ज्यादा लोगों ने उनसे मदद मांगी। मदद मांगने वालों में विदेशों से भी हैं। लोगों को अपने करीबियों से ज्यादा सोनू से उम्मीदें हैं। वह भी दिल खोलकर मदद कर रहे हैं। सोचिए, इतने लोगों की मदद कर पाना अकेले सोनू के बस की बात नहीं, लेकिन वह मुस्कराकर सभी की मदद कर रहे हैं। इतना ही नहीं वह माफी भी मांगते हैं कि अगर किसी वजह से मैसेज न पढ़ पाये हों। 

फिल्मों धाकड़ विलेन का धाकड़ रोल निभाने वाले सोनू सूद रियल लाइफ में असली हीरो हैं। ऐसे समय में जब कोई किसी को बिना स्वार्थ के 'भूनी भांग' तक नहीं देता, जिंदगी की गाढ़ी कमाई वह दोनों हाथों से लुटा रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने कहा कि 'बस इतना क़ामयाब होना है कि सोनू सूद सर जैसे सबकी मदद कर सकूं। इस ट्वीट पर सोनू ने रिप्लाई करते हुए लिखा- 'कामयाब होकर मदद नहीं की जाती भाई.. मदद करने से कामयाब होते हैं।' 

कहते हैं कि 'परसत मन मैला करे सो मैदा जलि जाय..' सच में कामयाबी और मदद का कोई लेना देना नहीं हैं। किसी की मदद करना बड़े दिल की बात होती है। घर भरा होने पर भी लोग भिखारियों को भगा दिया करते हैं। आज अगर देश के कामयाब लोगों में से 10 फीसदी भी सोनू सूद की तरह दूसरों की मदद करें तो तस्वीर बदलते देर नहीं लगेगी। लेकिन इसके लिए जरूरी है सच्चा सेवा भाव। वरना आप सबको युधिष्ठिर की राजसूय यज्ञ और सुनहले नेवले वाली कहानी तो याद ही होगी...


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